AHSEC| CLASS 12| HINDI (MIL)| SOLVED PAPER - 2015| H.S. 2ND YEAR

 

AHSEC| CLASS 12| HINDI (MIL)| SOLVED PAPER - 2015| H.S. 2ND YEAR

2015
HINDI
(MIL)
(MODERN INDIAN LANGUAGE)
Full Marks: 100
Pass Marks: 30
Time: Three hours
The figures in the margin indicate full marks for the questions.

 

1. निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 1×5=5

रोटी उसकी, जिसका अनाज, जिसकी ज़मीन, जिसका श्रम है,

अब कौन उलट सकता स्वतंत्रता का सुसिद्ध, सीधा क्रम है।

आजादी है अधिकार परिश्रम का पुनीत फल पाने का,

आजादी है अधिकार शोषणों की धज्जियाँ उड़ाने का।

गौरव की भाषा नई सीख, भिखमंगों की आवाज बदल,

सिमटी बाँहों को खोल गरूड़, उड़ने का अब अंदाज बदल।

स्वाधीन मनुज की इच्छा के आगे पहाड़ हिल सकते हैं,

रोटी क्या? ये अंबरवाले सारे सिंगार मिल सकते है।

प्रश्न: (क) सच्चे अर्थ में रोटी पर किसका अधिकार है? 1

उत्तरः सही मायनों में भोजन का अधिकार उन्हीं किसानों को है जो अपनी मेहनत से अन्न पैदा करते हैं।

(ख) आज़ादी क्यों आवश्यक है? 1

उत्तरः सर ऊँचा करके जीने के लिए आज़ादी ज़रूरी है। क्योंकि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। हम जुल्म बर्दाश्त नहीं कर सकते।

(ग) गिड़गिड़ाना छोड़कर किन पंक्तियों में कवि ने स्वाभिमानी बनने को कहा है? 1

उत्तरः कवि ने कहा है कि अभिमान की भाषा की नई सीख भिखारियों की आवाज बदल देगी।

(घ) कवि ने व्यक्ति को क्या उपदेश दिया है? 1

उत्तरः कवि ने व्यक्ति को यह उपदेश दिया है कि वह गौरव की नई भाषा सीखे, भिखमंगों की आवाज़ बदले, सिमटी बाँहों को खोले, और उड़ने का अंदाज़ बदले।

(ङ) प्रस्तुत काव्यांश का एक शीर्षक दीजिए। 1

उत्तरः प्रस्तुत काव्यांश का एक शीर्षक हो सकता है, 'आज़ादी'।

2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

कुछ लोग विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता का मुख्य कारण माता-पिता की ढिलाई मानते हैं। माता- पिता के संस्कार ही बच्चे पर पड़ते हैं। बच्चे की प्राथमिक पाठशाला घर होती है। यदि घर का वातावरण ही दोषपूर्ण है तो उसके संस्कार उत्तत कैसे हो सकते हैं। पहले तो प्यार के कारण माता-पिता बच्चे के खराब व्यवहार, अशिष्टता और खराब भाषा की ओर ध्यान नहीं देते, किंतु जब हाथी के दाँत बाहर निकल आते हैं तो उन्हें चिंता होती है और वे विद्यालय और शिक्षकों की आलोचना करना आरंभ कर देते हैं। बच्चों के दोषपूर्ण व्यवहार और संस्कारों का एक कारण हमारी दोषपूर्ण शिक्षा-प्रणाली भी है, जिसमें नैतिक या चारित्रिक शिक्षा को कोई स्थान नहीं दिया जाता। पहले विद्यार्थियों को दंड का भय बना रहता था, किंतु अब शारीरिक दंड अपराध माना जाता है। शिक्षक केवल ज़बानी जमा-खर्च ही कर सकते हैं। पश्चिमी संगीत, नृत्य तथा चलचित्रों ने भी विद्यार्थियों को बहुत हानि पहुँचाई है।

प्रश्न: (क) विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता का मुख्य कारण क्या है? 2

उत्तरः माता-पिता के प्यार के कारण, नहीं डाँटने के कारण बच्चे अनुशासनहीन हो जाते हैं.

(ख) माता-पिता विद्यालय और शिक्षकों की आलोचना कब और क्यों करते हैं? 3

उत्तरः माता-पिता, स्कूल और शिक्षकों की आलोचना तब करते हैं जब उन्हें लगता है कि स्कूल और शिक्षक अपने बच्चों को शिक्षित करने की ज़िम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे हैं। माता-पिता का मानना होता है कि उन्हें अपने बच्चों की स्कूली शिक्षा में ज़्यादा शामिल होना चाहिए और उन्हें नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

(ग) गद्यांश का एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए। 1

उत्तरः इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है, "विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता के कारण”

(घ) 'जब हाथी के दाँत बाहर निकल आते हैं तो उन्हों चिंता होती है।' आशय स्पष्ट कीजिए। 2

उत्तरः बच्चे जब बड़े होकर बिगड़ जाते है। इसके लिए यह पंक्ति कही गई है।

(ङ) हमारी शिक्षा-प्रणाली को दोषपूर्ण क्यों कहा गया है? 2

उत्तरः भारतीय शिक्षा प्रणाली को दोषपूर्ण माना जाता है क्योंकि: -

(i) शिक्षा और रोज़गार के अवसरों के बीच कोई संबंध नहीं है.

(ii) शिक्षा प्रणाली अत्यधिक सैद्धांतिक है.

(च) शारीरिक दंड दिये जाने के पक्ष और विपक्ष में एक-एक तर्क दीजिए। 2

उत्तरः शारीरिक दंड के समर्थकों का मानना ​​है कि यह अधिकार, आज्ञाकारिता और आत्म-अनुशासन के प्रति सम्मान पैदा करता है ।

स्कूलों, किशोर सुधारगृहों, बच्चों की देखभाल वाले नर्सरी और अन्य सभी सरकारी या गैरसरकारी संस्थाओं में, जहां बच्चों की देखभाल की जाती है और उन्हे शिक्षित किया जाता है, शारीररिक दंड का विरोध करता है। उसका दावा है कि शारीरिक दंड हिंसक और अनावश्यक है, यह आत्म सम्मान को कम कर सकता है और अवांछित व्यवहार को कम करने की बजाय शत्रुता और क्रोध को पैदा करने का उत्तरदायी है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) का यह भी कहना है कि शारीरिक दंड बच्चों को संभवत: शारीरिक हिंसा के लिए प्रशिक्षित करता है।

(छ) पश्चिमी संस्कृति ने विद्यार्थियों को हानि कैसे पहुँचाई है? 2

उत्तरः पश्चिमी संस्कृति छात्रों पर कई तरह से नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिनमें शामिल हैं:-

(i) सांस्कृतिक मूल्यों का नुकसान: पश्चिमी संस्कृति पारंपरिक रीति-रिवाजों, प्रथाओं और मान्यताओं जैसे सांस्कृतिक मूल्यों के नुकसान का कारण है।

(ii) राष्ट्रवाद की भावना में कमी: पश्चिमी संस्कृति के कारण छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना कम है।

(ज) संधि विच्छेद कीजिए - 1

संस्कार, नैतिक

उत्तरः संस्कार:  सम् + कार

नैतिक: नीति + इक

3. निम्नलिखित में से किसी एक पर निबन्ध लिखिए: 10

(क) समय का सदुपयोग

(भूमिका, समय का महत्त्व, समय का सदुपयोग, समय के सदुपयोग से लाभ, उपसंहार)

उत्तरः प्रस्तावना: समय क्या है? समय एक ऐसी चीज है जो हीरे-सोने से भी महंगी है, समय की कीमत पैसे से ज्यादा है, समय किसी भी दुश्मन से ज्यादा ताकतवर है, समय से बेहतर कोई नहीं सिखा सकता। समय का बहुत महत्व है और इसका गहरा अर्थ है। इसलिए सफल जीवन के लिए समय के महत्व को समझना जरूरी है।

समय प्रबंधन: समय प्रबंधन हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समय का प्रबंधन सफलता की ओर पहला कदम है। समय को मैनेज करने का मतलब है अपने जीवन के हर पल को मैनेज करना।

उचित समय प्रबंधन से तात्पर्य आपके काम की अग्रिम तैयारी से है ताकि आप भविष्य में और अधिक लाभ कमाने में सक्षम हो सकें। समय प्रबंधन सभी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक है चाहे वे युवा हों, बड़े हों या वरिष्ठ नागरिक हों।

समय का मूल्य: कहा जाता है कि समय उन्हें महत्व देता है जो समय को महत्व देते हैं। अच्छे काम के लिए समय का सदुपयोग करना आपको अच्छे परिणाम देगा और अगर आप इसे बुरे काम में इस्तेमाल करेंगे तो यह आपको निश्चित रूप से बुरा परिणाम देगा।

बहुत से लोग समय को महत्व नहीं देते हैं, वे सोचते हैं कि पैसा ही सब कुछ है जो उन्हें सफल और खुश रखता है। लेकिन बाद में जब उन्होंने समय गंवाया तो उन्हें पता चला कि समय के सामने पैसा कुछ भी नहीं है। हालाँकि, खोया हुआ पैसा बाद में कमाया जा सकता है लेकिन एक बार समय बीत जाने के बाद, यह फिर कभी पहले जैसा नहीं रहेगा।

निष्कर्ष: समय हमारे जीवन की कुंजी है। चाहे सुख हो, दुख हो, सफलता हो, असफलता हो, सब कुछ परोक्ष रूप से समय पर निर्भर है। समय के साथ समय के मूल्य को समझना आवश्यक है अन्यथा आप जीवन भर पछताएंगे।

(ख) परोपकार

(भूमिका, सांमाजिक प्राणी और परहित, भारतीय संस्कृति और परहित, परहित के उदाहरण, उपसंहार)

उत्तरः भूमिका: परोपकार एक ऐसी भावना होती है जो हर किसी को अपने अन्दर रखना चहिये। इसे हर व्यक्ति को अपनी आदत के रूप में विकसित भी करनी चाहिए। यह एक ऐसी भावना है जिसके तहत एक व्यक्ति यह भूल जाता है की क्या उसका हित है और क्या अहित, वह अपनी चिंता किये बगैर निःस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करता है और बदले में उसे भले कुछ मिले या न मिले कभी इसकी चर्चा भी नहीं करता।

परोपकार की महत्वता: जीवन में परोपकार का बहुत महत्व है। समाज में परोपकार से बढकर कोई धर्म नहीं होता । ईश्वर ने प्रकृति की रचना इस तरह से की है कि आज तक परोपकार उसके मूल में ही काम कर रही है।

परोपकार प्रकृति के कण-कण में समाया हुआ है। जिस तरह से वृक्ष कभी भी अपना फल नहीं खाता है, नदी अपना पानी नहीं पीती है, सूर्य हमें रोशनी देकर चला जाता है। परोपकार एक उत्तम आदर्श का प्रतीक है। पर पीड़ा के समान कुछ भी का अधम एवं निष्कृष्ट नहीं है।

उपसंहार: तुलसीदास जी की युक्ति “परहित सरिस धर्म नहीं भाई से यह निष्कर्ष निकलता है परोपकार ही वह मूल मंत्र है। जो व्यक्ति को उन्नति के शिखर पर पहुंचा सकता है तथा राष्ट्र समाज का उत्थान कर सकता है। परोपकार से बढ़ के कुछ नहीं है और हमे दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए की वे बढ़-चढ़ कर दूसरों की मदद करें। आप चाहें तो अनाथ आश्रम जा के वहां के बच्चों को शिक्षा दे सकते हैं या अपनी तनख्वा का कुछ हिस्सा गरीबों में बाँट सकते हैं।

(ग) प्रदूषण की समस्या

(प्रस्तावना, प्रदूषण के प्रकार, प्रदूषण से हानि, नियत्रन के उपाय, उपसंहार)

उत्तरः प्रदूषण आजकल समस्याओं की एक महासमस्या है, जो दिन-प्रतिदिन हमारे जीवन को प्रभावित कर रही है। प्रदूषण वातावरण में विषाक्त पदार्थों की मात्रा बढ़ने से होता है और इससे हमारे स्वास्थ्य, पानी, हवा और जीव-जन्तुओं को काफी नुकसान पहुंचता है। प्रदूषण के विभिन्न प्रकार हैं जैसे- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन आदि।

वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जो आज हमारे आस-पास फैल चुकी है। इसमें वाहनों, कारखानों, ऊर्जा स्रोतों, औद्योगिक कारखानों आदि के उच्च स्तर के उद्घाटन से विभिन्न विषाक्त पदार्थों का उत्सर्जन होता है।

 वायु प्रदूषण के कारण हमें श्वास लेने की भी समस्या होती है और यह साधारण रोगों की बढ़ती संख्या का कारण बन रहा है। इसके अलावा यह जनसंख्या और अव्यवस्थित शहरीकरण के कारण भी बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण की कुछ मुख्य वजहों में से एक हैं वाहनों का उच्च स्तर का इस्तेमाल जिसके लिए डीजल और पेट्रोल का उपयोग किया जाता है। इसके लिए हमें पर्यावरण के प्रति सतर्कता बढ़ानी चाहिए और साफ और सुरक्षित गाड़ियों का इस्तेमाल करना चाहिए।

जल प्रदूषण एक और गंभीर समस्या है जो हमारे जल आपूर्ति को प्रभावित कर रही है। विभिन्न कारणों से जल प्रदूषण होता है, जैसे- औद्योगिक उपकरणों द्वारा की जाने वाली निकासी, नदीयों में नहरों का खोलना, बढ़ती जनसंख्या के कारण जल संचयन की असमर्थता आदि। यह सभी प्रक्रियाएं जल में विभिन्न रसायनों, निकासी, मल के उत्सर्जन आदि के साथ जोड़कर जल प्रदूषण का कारण बनती हैं। जल प्रदूषण के कारण हमारे पानी संसाधन पर नकारात्मक प्रभाव होता है, जिससे हमारे पीने का पानी अशुद्ध हो जाता है और इससे जीव-जन्तुओं और पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। जल प्रदूषण से जुड़ी जागरूकता फैलानी चाहिए और हमें जल संरक्षण के लिए संघर्ष करना चाहिए।

ध्वनि प्रदूषण भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो अधिक आवाज़ के कारण होता है। बढ़ती जनसंख्या, उच्च ध्वनि स्तर वाले उद्घाटनों और ट्रैफिक के कारण ध्वनि प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। यह समस्या सुनने की क्षमता को कम करती है और लंबे समय तक ध्वनि प्रदूषित क्षेत्र में रहने से सुनने की क्षमता पूरी तरह से नष्ट हो जाती है। ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए हमें आवाज़ीय प्रदूषण करने वाले स्रोतों को नियंत्रित करना चाहिए और अपने स्तर पर शोर कम करना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है, जो आजकल धरती पर महानुकंप के रूप में प्रभाव डाल रहा है। इसके कारण तापमान में बदलाव, वायुमंडल में बदलाव, विपणन में परिवर्तन, वर्षा की पारंपरिक प्रवृत्ति का बिगड़ना आदि देखने को मिल रहा है। यह प्रदूषण और पारिस्थितिकी बदलाव के कारण हो रहा है। हमें उन उपायों को अपनाना चाहिए जो जलवायु परिवर्तन को कम कर सकें, जैसे कि साधारण जीवन में औद्योगिक गतिविधियों के प्रभाव को कम करना, बायोगैस उत्पादन में कमी लाना, वनों को संरक्षित करना आदि।

प्रदूषण के प्रभाव से निपटने के लिए हमें सामरिकता की आवश्यकता है। हम सभी को मिलकर इस समस्या का सामना करना होगा और उचित संगठन और संघर्ष करना होगा। सरकार को कठिन कानूनों को बनाए रखने के साथ-साथ उचित निगरानी और प्रबंधन भी करने की जरूरत है। हमें भी अपने व्यक्तिगत स्तर पर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलानी चाहिए और प्रदूषण कम करने के लिए अपना योगदान देना चाहिए।

समाप्ति के रूप में, प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारे स्वास्थ्य, पर्यावरण और पृथ्वी को प्रभावित कर रही है। हमें इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हम सभी को मिलकर स्वच्छ और स्वस्थ महान भूमि की सुरक्षा के लिए प्रदूषण को कम करने का संकल्प लेना चाहिए।

(घ) कंप्यूटर की उपयोगिता

(भूमिका, संचार माध्यम और कंप्यूटर, प्रिंट मीडिया में कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कंप्यूटर की अनिवार्यता, उपसंहार).

उत्तरः कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो सूचनाओं को संसाधित करने, सूचनाओं को संग्रहीत करने और सूचनाओं को प्रदर्शित करने में सक्षम है। कंप्यूटर का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जिसमें व्यवसाय, शिक्षा, मनोरंजन, और अनुसंधान शामिल हैं।

कंप्यूटर की उपयोगिता निम्नलिखित क्षेत्रों में है:-

(i) व्यवसाय: कंप्यूटर का उपयोग व्यवसायों में विभिन्न कार्यों को स्वचालित करने के लिए किया जाता है, जैसे कि लेखांकन, ग्राहक सेवा, और उत्पादन।

कंप्यूटर का उपयोग व्यवसायों को अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए भी किया जाता है, जैसे कि ऑनलाइन खरीदारी और ग्राहक सहायता।

कंप्यूटर का उपयोग व्यवसायों को अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे रहने के लिए नए उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए भी किया जाता है।

(ii) शिक्षा: कंप्यूटर का उपयोग शिक्षा में विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि छात्रों को सूचना तक पहुंच प्रदान करना, छात्रों को विभिन्न कौशल सिखाना, और छात्रों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने में मदद करना।

कंप्यूटर का उपयोग शिक्षा को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने में मदद करता है।

(iii) मनोरंजन: कंप्यूटर का उपयोग मनोरंजन के लिए किया जाता है, जैसे कि गेम खेलना, फिल्में देखना, और संगीत सुनना।

कंप्यूटर का उपयोग लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और सामाजिक संबंध बनाने के लिए भी किया जाता है।

(iv) अनुसंधान: कंप्यूटर का उपयोग अनुसंधान में विभिन्न कार्यों को करने के लिए किया जाता है, जैसे कि डेटा एकत्र करना, डेटा विश्लेषण करना, और रिपोर्ट तैयार करना। कंप्यूटर का उपयोग अनुसंधान को अधिक कुशल और प्रभावी बनाने में मदद करता है।

कंप्यूटर की उपयोगिता के कुछ विशिष्ट उदाहरणों में शामिल हैं:-

(i) एक बैंक में, कंप्यूटर का उपयोग ग्राहकों के खातों को प्रबंधित करने, लेनदेन को संसाधित करने, और रिपोर्ट तैयार करने के लिए किया जाता है।

(ii) एक विश्वविद्यालय में, कंप्यूटर का उपयोग छात्रों को पाठ्यक्रम सामग्री तक पहुंच प्रदान करने, छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में मदद करने, और छात्रों को एक-दूसरे के साथ सहयोग करने में मदद करने के लिए किया जाता है।

(iii) एक गेमिंग कंपनी में, कंप्यूटर का उपयोग नए गेम विकसित करने, गेम का परीक्षण करने, और गेम को प्रकाशित करने के लिए किया जाता है।

(iv) एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला में, कंप्यूटर का उपयोग डेटा एकत्र करने, डेटा विश्लेषण करने, और प्रयोगों के परिणामों को प्रकाशित करने के लिए किया जाता है।

कंप्यूटर का उपयोग हमारे जीवन के हर पहलू में किया जा रहा है। कंप्यूटर ने हमारी दुनिया को बदल दिया है और यह हमारे जीवन को आसान, अधिक कुशल और अधिक उत्पादक बना रहा है।

कंप्यूटर की उपयोगिता के निम्नलिखित लाभ हैं:-

(i) उत्पादकता में वृद्धि: कंप्यूटर हमें विभिन्न कार्यों को अधिक कुशलता से करने में मदद करते हैं, जिससे हमारी उत्पादकता में वृद्धि होती है।

(ii) नए अवसर: कंप्यूटर नए अवसरों को जन्म देते हैं, जैसे कि ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करना, दूरस्थ कार्य करना, और नए कौशल सीखना।

(iii) समाधान: कंप्यूटर हमें जटिल समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं, जैसे कि अनुसंधान, इंजीनियरिंग, और चिकित्सा।

(iv) संपर्क: कंप्यूटर हमें दुनिया भर के लोगों के साथ जुड़ने और संवाद करने में मदद करते हैं।

4. नगर निगम के अध्यक्ष के एक पत्र लिखकर अपने इलाके की दयनीय यात्रायत व्यवस्था को दूर करने के लिए अनुरोध कीजिए। 5

उत्तरः सेवा में

अध्यक्ष, नगरपालिका, दरभंगा

विषय-सड़कों की दुर्दशा

महोदय,

एक सचेत नागरिक होने के नाते मैं आपका ध्यान नगर की सड़कों की दुर्दशा की ओर दिलाना चाहता हूँ । आज पूरे नगर में एक भी मुख्य सड़क ऐसी नहीं है जिस पर गड्ढों और गंदगी का अंबार न हो । बस अड्डे से शहर की ओर जाने वाले मार्ग पर चलते हुए प्रायः ट्रैफिक जाम रहता है। उसका कारण है-सड़कों का टूटा होना, बीच में पशुओं का बैठा होना, या नगरपालिका द्वारा सड़कों का तोड़ा जाना । ऐसा लगता है, व्यवस्था नाम की कोई चीज नगर की सड़कों पर नहीं रही है । आपसे निवेदन है कि शीघ्र यह अव्यवस्था ठीक करें।

धन्यवाद!

एक नागरिक

दिनांक: 22.02.XXXX

जगदीप

अथवा

डाकिए की अनियमितता औ लापरवाही की शिकायत करते हुए अपने क्षेत्र के डाकपाल को पत्र लिखिए।

उत्तरः सेवा में,

डाकपाल महोदय,

मुख्य डाकघर,

शाहदरा दिल्ली

मान्यवर,

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपका ध्यान शाहदरा के डाकिया श्री रामफल के कार्य के प्रति लापरवाही की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूँ।

रामफल नियमित रूप से डाक का वितरण नहीं करता है, वह सप्ताह में दो-तीन दिन के लिए डाक बाँटने आता है। उसके आने का समय निश्चित नहीं है। कभी 12 बजे डाक-वितरण करने आता है तो वह कभी-कभी सांय 4 बजे आता है। हमने अपने घरों के बाहर लैटर-बक्स लगा रखे हैं, परंतु वह उनमें पत्र नहीं डालता। कई बार वह आवश्यक पत्र बाहर ही फेंककर चला जाता है। इससे लागों के आवश्यक पत्र गुम हो जाते हैं। मोहल्ले के लोगों ने उससे कई बार शिकायत की है, लेकिन वह सुनी-अनसुनी कर देता है।

आपसे विनम्र प्रार्थना है कि आप श्री रामफल को सुचारू रूप से कार्य करने का निर्देश दें या उसे स्थानांतरित करके किसी नए डाकिए को हमारे मोहल्ले का काम सौपें।

आशा है कि आप हमारी शिकायत की ओर ध्यान देंगे।

धन्यवाद

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 1×5=5



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